अपने बल-बूते पर लड़ेंगे यूपी चुनाव: मायावती
कांशीराम जयंती पर बीएसपी प्रमुख मायावती |
"साम, दाम, दंड और भेद के हथकंडे से सावधान रहें और पार्टी के मूवमेंट को सफल बनाएं: मायावती"
दलितों के मसीहा कहे जाने वाले कांशीराम की 87वीं जयंती के मौके पर मायावती मीडिया के सामने मुखातिब हुईं। वही 2 पन्नों में लिखा भाषण लेकर, मीडिया के कैमरे ऑन होते ही उन्होंने इमला पढ़ना शुरू किया... इस दौरान उन्होंने बीएसपी कार्यकर्ताओं को विरोधी दलों के प्रपंच में ना फंसने की हिदायत दी उन्होंने कहा कि विपक्षी दल साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाएंगे लेकिन आप उनके झांसे में ना आएं। विपक्षी दलों ने हमेशा बीएसपी के साथ षडयंत्र किया है। "हम दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन करते हैं लेकिन फायदा दूसरे दल उठा ले जाते हैं। हमें गठबंधन का कोई फायदा नहीं पहुंचता। इसलिए बीएसपी ने फैसला किया है कि वो अपने बलबूते पर उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।" हालांकि चुनाव को लेकर उन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया, बस इतना जरूर कहा कि पार्टी बिना शोर-शराबे और दिखावे के चुनावों की तैयारी में जुटी है। जिसका अंदाजा आने वाले पंचायत चुनावों में लग जाएगा। वैसे बीएसपी की हार का सिलसिला 2012 से शुरू हुआ और तब से बदस्तूर जारी है। 2017 के चुनाव में बीएसपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था और तब मायावती ने हार का ठीकरा EVM पर फोड़ा था। लेकिन इस बार लगता है कि मायावती पूरी तरह तैयारी के साथ मैदान पर आई हैं और उन्होंने अपने समर्थकों को भी तैयार रहने के लिए कहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को हिदायत देते हुए कहा है कि "विरोधी दलों के साम, दाम, दंड और भेद के हथकंडे से सावधान रहें और पार्टी को चुनाव में अच्छी सफलता दिलाकर बसपा मूवमेंट को सफल बनाएं। यही पार्टी संस्थापक कांशीराम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।" अपने भाषण के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से कृषि से जुड़े तीनों कानून वापस लेने की मांग एक बार फिर दोहराई और उन्होंने कहा "किसान आंदोलन में मृतक किसानों के परिजनों को उचित आर्थिक सहायता व एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।" वहीं बीएसपी राज में चीनी मिलों के बिकने के सवाल पर मायावती ने कहा कि "किस संस्था के साथ क्या किया जाना है, यह निर्णय सत्ता में रहने वाली सरकार करती है। चीनी मिलों को बेचने का फैसला कैबिनेट ने किया था। यह सरकार का सामूहिक फैसला था, यह किसी एक मंत्री की जिम्मेदारी नहीं। यह मंत्रालय भी दूसरे मंत्री के पास था।"
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